अपनी छाती फ़ुला कर, कमर को ज़ोरों से कस कर,
वो तो हवाओं में अपनी दास्ताँ लिखने निकला था
अब समंदर के पानी में जूझ रहा था..
कभी आती लहर के ज़ोर पर उड़ने की कोशिश करता
या ही अपनी पीठ उस लहर पर टिका गोता लगाता,
उसे औंधे मुँह सतह पर पटक देती वो
एक गुब्बारा था, लुढक कर पाने में आ गिरा था..
पत्थरों के किनारे झूठे गिलासों और तैरती बोतलों के बीच
न जाने क्या ढूंढ रहा था?
चमकती लाइट्स, घोड़ा-गाड़ी और चना-जोर-गरम जैसा
वो भी तो मरीन ड्राइव की शान था -
लाल निक्कर, हरी टी-शर्ट में घूमे रहे
मशरुम कट बालों वाले उस बच्चे की घीली सी मुस्कान था!
मायूस कर उसको निकल गया होगा,
अपनी कमज़ोर सी रेशमी डोरी का झांसा देकर!
हवाओं में अपनी दास्ताँ लिखने निकला था!
डोलता हुआ किनारे पर पहुंचा ही था वो,
पत्थरों में अटक गया तो
शायद इस लड़के को उस पर तरस आ गया -
अपने नाख़ून से उसने उस गुब्बारे को फोड़ दिया!
वो तो हवाओं में अपनी दास्ताँ लिखने निकला था
अब समंदर के पानी में जूझ रहा था..
कभी आती लहर के ज़ोर पर उड़ने की कोशिश करता
या ही अपनी पीठ उस लहर पर टिका गोता लगाता,
उसे औंधे मुँह सतह पर पटक देती वो
एक गुब्बारा था, लुढक कर पाने में आ गिरा था..
पत्थरों के किनारे झूठे गिलासों और तैरती बोतलों के बीच
न जाने क्या ढूंढ रहा था?
चमकती लाइट्स, घोड़ा-गाड़ी और चना-जोर-गरम जैसा
वो भी तो मरीन ड्राइव की शान था -
लाल निक्कर, हरी टी-शर्ट में घूमे रहे
मशरुम कट बालों वाले उस बच्चे की घीली सी मुस्कान था!
मायूस कर उसको निकल गया होगा,
अपनी कमज़ोर सी रेशमी डोरी का झांसा देकर!
हवाओं में अपनी दास्ताँ लिखने निकला था!
डोलता हुआ किनारे पर पहुंचा ही था वो,
पत्थरों में अटक गया तो
शायद इस लड़के को उस पर तरस आ गया -
अपने नाख़ून से उसने उस गुब्बारे को फोड़ दिया!