Wednesday, 10 June 2020

सबसे ज़रूरी क्या है?



सबसे ज़रूरी क्या है?

भूख का होना
देसी घी की पूड़ियाँ हों
पर भूख से प्यार ऐसा हो
कि सात घंटे राशन की कतार में लग कर
बाप सूखी रोटी के २ हिस्से करके 
खुद भूखे पेट सो जाये

शायद साधन का होना 
कि दस दिन के
मटमैले कपड़ों को
रंगों के निखार के लिए 
फैब्रिक सॉफ्टनर में रगड़ा जाए

या एक छत का होना 
जिसकी दीवारों में सीलन न हो
दरवाज़ा east-facing हो
और गर दिहाड़ी छिन जाए 
और किराया न निकाला जाए 
तो क्या आंधी क्या तूफ़ान 
और wi-fi वगैरह
मुफ्त! 


या अनुशासन का होना
जो सात फुट के डंडे लेकर 
वर्दी वाले गुंडे 
- जिनका गुरुर 
उनके ओहदे से शुरू होता है 
जो immune हैं 
कानून को 
और रखवाले भी हो सकते हैं 
फुर्सत मिले कभी तो -
निकल पड़ते हैं 
आदर्शिता फैलाने


आप ही हैं -
सही समझे हैं!
ठन्डे दिमाग से,
एयर कंडीशनर वाले-
सबसे ज़रूरी है
कि छाती पीटकर
हम कहें
"भारत माता की जय" 
ये गुल्सिताँ हमारा 
हमारा 
सारे जहां से अच्छा जो है..

या आँखें खोलें
तो हो सकता है!

Thursday, 4 June 2020

गोकर्ण का किनारा

आसमान का आईना होगा,
या कुछ मिलावट होगी
या horizon ने धाँधली की है?
सूरज को अक्सर शाम शिनाख्त करते देखा है!
रंगे हाथों पकड़ा कल रात,
सर पर सितारों की कनात थी
और समन्दर में बिछे थे हूबहू-
टिमटिमाते phytoplanktons; तुम भी क्या जीव हो!
तब खेवटिये ने बतलाया-
उंगलियां इंसानों की बस्ती में उठती होंगी
यहाँ गवाहों की हस्ती ही बदल दी जाती है..
और किनारा भी वो ज़मीन के टुकड़े का है,
समन्दर की तो पूरी रियासत है!