Wednesday 31 May 2017

पूना - I

याद है जब मेरे कंधे तक आता था
आज आठ साल बीते,
इस नन्हे बरगद ने
अपनी जड़ें छोड़नी शुरू कर दी हैं

रुतबा ऐसा जैसे
शहर की इस कोने से इसने आसमान उठा रखा हो
स्टेशन जाकर मोची से ब्रुश लगवा 
अपने नए पत्ते चमका लाया है!

एक humming bird अक्सर इसकी शाखों पर आकर
घंटों बैठा करती है;
शायद मेरी ही तरह
कुछ पुराने दिनों का हिसाब मांगने वापिस आती है..


2 comments:

  1. रुतबा ऐसा जैसे
    शहर की इस कोने से इसने आसमान उठा रखा हो

    kya baat hai..!!!

    ReplyDelete
  2. This comment has been removed by a blog administrator.

    ReplyDelete