टीवी पर न्यूज़ नहीं देखते अब -
रंग-बिरंगे फुदकते footage,
खोटी नीयतों के opinion
और कुत्ते-बिल्ली के चाटे गोबर के कंडे?
ये कुछ नहीं बदलते !
कल फ़ेसबुक पर एक वीडियो
सामने पड़ गया;
जो देखा
वो सीने में गड़ गया..
कठुआ का किस्सा ही ऐसा है!
क्यों देख रहे थे हम ये?
किसी को awareness फैलाना है-
के अपना पक्ष जताना है
अच्छाई को बुराई से जिताना है?
पर ऐसा होता कहाँ है..
इसीलिए साली दुनिया depressing है !
कुछ होता है कहीं
और सोशल मीडिया पर
तीन पेटिशन रिक्वेस्ट आते हैं
किसको भई ?
parliament के सफेदपोशों को -
तमाशबीन हैं साले;
क़ागज़ के पुर्जों के
popcorn बना कर गटका करते हैं
फिर आपके खून-पसीने का एक chilled सिप
...आह!
This session is adjourned.
तभी याद आता है
ये जो सुलझे से बने घूमते हैं -
रगों में हमारे भी लावा बहता है!
बोलने का मौका दीजिये
फिर volcano भी फटता है..
हम लाख ख़याल बुन लें
जोश भरे लफ्ज़ चुन लें
पर जब तक कुछ बदलता नहीं
दुनिया साली depressing ही है !
रंग-बिरंगे फुदकते footage,
खोटी नीयतों के opinion
और कुत्ते-बिल्ली के चाटे गोबर के कंडे?
ये कुछ नहीं बदलते !
कल फ़ेसबुक पर एक वीडियो
सामने पड़ गया;
जो देखा
वो सीने में गड़ गया..
कठुआ का किस्सा ही ऐसा है!
क्यों देख रहे थे हम ये?
किसी को awareness फैलाना है-
के अपना पक्ष जताना है
अच्छाई को बुराई से जिताना है?
पर ऐसा होता कहाँ है..
इसीलिए साली दुनिया depressing है !
कुछ होता है कहीं
और सोशल मीडिया पर
तीन पेटिशन रिक्वेस्ट आते हैं
किसको भई ?
parliament के सफेदपोशों को -
तमाशबीन हैं साले;
क़ागज़ के पुर्जों के
popcorn बना कर गटका करते हैं
फिर आपके खून-पसीने का एक chilled सिप
...आह!
This session is adjourned.
तभी याद आता है
ये जो सुलझे से बने घूमते हैं -
रगों में हमारे भी लावा बहता है!
बोलने का मौका दीजिये
फिर volcano भी फटता है..
हम लाख ख़याल बुन लें
जोश भरे लफ्ज़ चुन लें
पर जब तक कुछ बदलता नहीं
दुनिया साली depressing ही है !
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